मांगी थी पुरानी जेल भूमि नीलामी की जानकारी, जवाब में प्रशासन ने थमाई नई जेल की कहानी

 

लोक सूचना अधिकारी का भ्रामक जवाब, आरटीआई के जरिये उजागर हुई प्रशासन की लापरवाही

 

बैतूल। प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के नर्मदापुरम संभागीय अध्यक्ष एवं आम आदमी पार्टी बैतूल के नेता शिबू विश्वकर्मा द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी ने प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने 24 मार्च को एक आवेदन देकर स्पष्ट रूप से यह जानकारी चाही थी कि बैतूल की पुरानी जेल की भूमि पिछले वर्षों में किसे और कितने में बेची गई, उसकी नीलामी प्रक्रिया और उससे संबंधित सभी दस्तावेजों की सत्यापित प्रतिलिपिया उपलब्ध कराई जाएं।

लेकिन जवाब में जिला जेल बैतूल के अधीक्षक द्वारा भेजी गई जानकारी में पुरानी जेल की भूमि से जुड़ी किसी भी नीलामी या बिक्री से संबंधित स्पष्ट दस्तावेज शामिल नहीं किए गए। इसके बजाय जानकारी में मध्यप्रदेश शासन की पुनर्निर्माण नीति 2016 के अंतर्गत कढ़ाई ग्राम में नई जेल निर्माण से संबंधित जानकारी भेजी गई है, जिसे गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा संचालित किया जा रहा है।

इस मामले में आवेदक शिबू विश्वकर्मा ने कहा कि प्रशासन द्वारा मांगी गई जानकारी से अलग विषय पर जवाब देना साफ तौर पर लापरवाही और जवाबदेही से बचने की कोशिश को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा गोलमोल और भ्रामक उत्तर देना आम बात बनती जा रही है। आरटीआई जैसे सशक्त माध्यम को भी हल्के में लिया जा रहा है, जो लोकतंत्र और पारदर्शिता के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब अधिकारी जवाबदेही से भागते हैं, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा।

शिबू विश्वकर्मा ने इस मामले को लेकर आगे पुलिस कमिश्नर से मिलने का निर्णय लिया है, ताकि इस प्रकार की भ्रामक जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके। उन्होंने मांग की कि शासन को ऐसे पदों पर केवल योग्य, संवेदनशील और जवाबदेह अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए, ताकि सूचना का अधिकार अधिनियम वास्तव में जनहित में प्रभावी साबित हो सके।

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