शहर के सबसे व्यस्त इलाके मुर्गी चौक साईं मंदिर के पास में संचालित निखिल शोएब का सट्टे के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया गया था। खबर प्रकाशित होने के बाद उम्मीद थी कि प्रशासन या पुलिस विभाग कोई सख्त कदम उठाएगा, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाही नहीं हुई है।न तो कोई छापामारी हुई, न ही किसी को पकड़ा गया। उल्टा, निखिल शोएब के नेटवर्क का दायरा और मजबूत होता जा रहा है। सट्टे के खबाड़ियों द्वारा बाकायदा काउंटर लगा कर सट्टा लिखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पुलिस और सट्टा माफियाओं की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा काला कारोबार संभव नहीं।क्या पुलिस खुद इस सट्टे के मुनाफे में हिस्सेदार है?
आखिर कोतवाली से महज 700 मीटर दूर ऐसा धंधा कैसे फल-फूल सकता है?
मीडिया में खबर चलने के बाद भी चुप्पी क्यों?