बैतूल जिले में चहु ओर सट्टे का काम जोरो पर चल रहा है। यह सट्टे का काम बकायदा काउंटर लगा कर बे ख़ौफ़ संचालित हो रहा। जिले भर में बैठे हर चौक चौराहे पर ठिया बनाया गया है। इन ठिये की बोली तक लगती है। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह ठिये में बैठने वाले जो कि गिलहरी का काम करते है, जिन्हे पट्टी के धंधे के ऊपर परसेंट मिलता है। पट्टी का बाकायदा रेट भी तय है। सट्टे का नम्बर फसने वाले को एक का नब्बे मिलता है। यह खेल चार टाइम का रहता है। प्रतिदिन लाखों रूपए का सत्ता पप्पू पट्टी के पास गिलहरी उतारने जाती है। लेकिन पप्पू पट्टी, पप्पू पाली की आड़ में छुप जा रहा है। या तो प्रशासन को खबर है या बे खबर बन रहा है। क्योंकि पप्पू के सम्बन्ध बैतूल के बड़े बड़े नेताओं से है। पप्पू ने अपना पूरा काम अब एजेंटो और अपने शागिर्द को देके रखा है। अब सफ़ेद कॉलर बन कर नेताओ के संपर्क में है। ऑफ़ रिकॉर्ड जब हमने एक मर्तबा एक उच्च अधिकारी को इसके विषय में बात कि तो इस बात से पड़ले झड़ते दिखी।